अंटार्कटिका में भारत

भारतीय असियाज्ञेऱ के कुछ सबक पहले कै अन्वेषक जब अंटार्कटिका जाते थे तो उनर्क हर ओर खतरे मँडराते रहते थे, जरा सी असावधानी से किसी की भी मौत हो जाती घी । इससे वे लगातार सावधान रहते थे कि यह खतरनाक इलाका है । आजकल जब हम अंटार्कटिका जाते हैं तो हम होटल की तरह …

अंटार्कटिका किसका है ? भाग 3

इस संधि की मुख्य धाराएँ इन सहमतियों पर आधारित हैं…क्रोई भी देश अंटार्कटिका पर अपना क्षेत्रीय अधिकार नहीं जमाएगा । अभी तक जो मी दावे किए गए हैं, उन्हें सधि कै लागू रहने तक निलबित माना जाएगा । कोई मी देश अंटार्कटिका कै किसी भी भाग में अपना वैज्ञनिक केंद्र तना सकता है । किसी …

अंटार्कटिका में जीवन भाग 3

जैसे-जैसे सागर जमता जाता है, वह तट से और दूर होती जाती है । खूब सारा भोजन करर्क और भम्बी चूजे कै लिए देह पर भारी चरबी चढाकर वह लौटना शुरू करती है, क्योकि अब चूजे की देखभाल की सारी जिम्मेदारी होगी कैवल उसी की । तब तक सागर 1,000 किलोमीटर तक जम चुका होता …

अंटार्कटिका में जीवन

जिसे स्वीकार करने को कोई भी तैयार नहीं होता ! ,लेविन्न घोंसलों में सबकै भूखे बच्चे इंतजार कर रहे होते हैं, खाना नहीं मिला तो वे बचेंगे नहीं । आखिर भूख और ममता से बाध्य होकर कोई पैंगुइन छलाँग लगा ही देती है और उसर्क पीछे तो फिर खेप-को-खेप ऐडलो पानी में कूदतौ ही जाती …