अंटार्कटिका में सावधानी

॰ पसीने से सावधान

अंटार्कटिका और पसीना १ क्यऊ कुछ गलत सुना? नहीं, बिलकुल ठोक है, अंटार्कटिका में भी पसीना आ जाता है और यह बहुत खतरनाक होता है ! पसीना तब आता है जब हम ठंड कै डर से इतने अधिक कपडे पहन लेते हैं, जिनकी जरूरत नहीं है या फिर सामान उठाने-ढोने या पहाड पर चढ़ने जैसे मेहनत र्क काम में भी उतने ही कपडे पहने रहते हैं, जितने काम कै पहले थे ।, यह ध्यान से देखने क्री बात है कि अंटार्कटिका में पहने जानेबार्तहर गरम कपडे में सामने एक ‘जिप’ लगी होती है । यह जिप कवल सुविधा या सुंदरता कै लिए नहीं है, इसका उपयोग है पसीने से बचे ” रहने में 1 जब भी आप मेहनत का कोई काम का रहे हौं, तो शरीर इतनी गरमी पैदा करता है कि पसीना आने ही लगता है; उसी समय बिना किसी झिझक कै अपनी ऊपरी पोशाक की सारी जिप खौल दीजिए । घबराइए ‘ नहीं फि ठंडी हवा ठोक छाती पर लग रही है; कहीं सदीं तो नहीं लग जाएगी, कुछ नहीं होगा ३ अंदर की एक क्लोज हीं काफी है, आराम से खुली पोशाक में फाम कीजिए, जुकाम तक मी नहीं ढोता है यहाँ । खुली क्या से अपने वदन को इतना ठंडा क्या रखिए कि पसीना न आने पाए । जय काम खत्म हो जाए तो फिर से जिप मंद करर्क अपने को ठंड से क्या लीजिए । पहाड पर चढते समय
करके रटूद कर सकता है । इस तरह उस देश की सहमति कै बिना अंटार्कटिका मॅ कुछ भी नहीं किया जा सकता 1

बोटिंग का यह वीटो अधिकार पाने र्क लिए दो शर्ते रखीं गई हैंपहलो यह कि अंटार्कटिका में उस देश का स्थायी र्कद्र हो: स्थायी स्टेशन उसे माना जात्ता है, जिसमें साल भर लोग रहते हॉ और दूसरी शर्त यह कि वह देश बिभिन्न क्षेत्रों में वैज्ञानिक अनुसंधान कर रहा हों, जिसर्क लिए प्रकाशित वैज्ञानिक शोध कार्य को प्रमाण माना जाता ” है 1 इनको सलाहकार सदस्य कहा जाता है । सन् 2004 तक कुल 43 देश अंटार्कटिक संधि कै साधारण सदस्य हैं, जिनमें से 28 देशों को सलाहकार सदस्य का दर्जा मिला हूआ है 1 भारत ने सन् 1981 में अपने अंटार्कटिक अभियान आरंभ किए थे और 1983 में ही उसे सलाहकार सदस्यता यानी त्नीटो का अधिकार मिल गया । एशिया से कैबल चार देशमें-भारत, चीन, जापान और दक्षिण कोरिया क्रो बोटिंग का यह अधिकार मिला हुआ है । जापान को सन् 1960 में ही यह वीटो मिल गया था, चीन को यह अधिकार 1985 में मिला और दक्षिण कोरिया को 1989 में ।

इस तरह आज अंटार्कटिका पर किसी भी देश का कब्जा नहीं है 1 पूराने दावेदारों में से कुछ देश आज भी अपनै-अपने नाम कै अंटार्कटिक इलाकों पर अपने डाक टिकट निकालते रहते हैं 1 इंग्लैंड और ओंरहूँलिया हर साल नक्शे छापते हैं, जिनमें अपने अंटार्कटिक क्षेत्र को विस्तार से दिखाते हैं 1 अर्जेंटीना जैसे देश तो अपने अंटार्कटिक केंद्रो पर नवविवाहित जोडों को लीन साल कै लिए जाने को प्रोत्साहित करत्ते हैं, जिससे वहाँ उनक शिशु जन्म रुने सकें 1 इस आधार पर अर्जेंटीना यह दावा करता है कि अंटार्कटिका उनक देश का अंश है, क्योकिं उनक नागरिक वहाँ पैदा हुए हैं 1 लेकिन इन सारे दावों को कोई भी दूसरा देश मानता नहीं है 1 खास बात यह है कि आज की महाशक्तिर्योंअमेरिका, रक्स और चीन इन दावों को एकदम नकार देती हैं 1 इसलिए अन्य देशों की तरह भारत भी अंटार्कटिका में कहीं भी अपना रिसर्च स्टेशन खोल सकता हैं 1 हर देश वहाँ किसी भी तरह का ऐसा वैज्ञानिक अनुसंधान कर सकता है, जिससे पर्यावरण को कोई नुकसान न पहूँचे और कोई प्रदूषण न फेरने 1 अंटार्कटिका आज मानव जाति कै आपसी मेलजोल का पहला उदाहरण

है

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